tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post1023564978323245914..comments2023-10-08T11:11:00.920+01:00Comments on अनामदास का चिट्ठा: मी मंदबुद्धि मुंबईकर बोलतो आहेअनामदासhttp://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-14316410622355956482009-11-22T12:14:12.316+00:002009-11-22T12:14:12.316+00:00बहुत बढिया व्यंग्य है सामुना मे भेज दीजिये ।बहुत बढिया व्यंग्य है सामुना मे भेज दीजिये ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-53072019352075459112008-03-03T17:27:00.000+00:002008-03-03T17:27:00.000+00:00सधा हुआ तीर, एकदम सटीक निशाने पर! ऐसे ही लिखते रहि...सधा हुआ तीर, एकदम सटीक निशाने पर! ऐसे ही लिखते रहिये...दिवाकर प्रताप सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06302009569112820477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-72007532822555855412008-02-16T12:57:00.000+00:002008-02-16T12:57:00.000+00:00जबरदस्त....मारक....सटीक...पिछले हफ्ते पुणे-मुम्बई ...जबरदस्त....मारक....सटीक...<BR/><BR/>पिछले हफ्ते पुणे-मुम्बई की सड़कों से गुजरते हुए यह आशंका मन में कहीं थी कि यदि किसी ऐसे मंदबुद्धि मराठी माणुषों की उन्मत्त भीड़ से अचानक पाला पड़ गया तो क्या कर सकूंगा। <BR/><BR/>हम तो ख़ैर सही-सलामत लौट आए, मगर रोज बिहार-यूपी के बेचारे गरीबलोगों की वहां हो रही मार-पिटाई ख़बरों में देख-सुनकर परेशान होता रहा। खासकर वह ख़बर कि ट्रेन के अनारक्षित डिब्बे में किसी तरह ठूंसकर वापस बिहार लौटने को मजबूर एक गर्भवती महिला को ट्रेन की टायलेट में बच्चा जनने के लिए मजबूर होना पड़ा, हृदयविदारक थी। <BR/><BR/>कितने होंगे राज ठाकरे के ऐसे "मंदबुद्धि" अंध-समर्थक मराठी युवक? कुछेक हजार, अधिक से अधिक। उनकी बेधड़क गुंडागर्दी के आतंक के कारण संविधान-सम्मत सरकारों की समस्त नैतिकता और कर्तव्यपरायणता को लकवा मार गया।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-57977330459076233102008-02-12T06:29:00.000+00:002008-02-12T06:29:00.000+00:00*पुरुष = पौरुष padhein.*पुरुष = पौरुष padhein.debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-92194792230615908922008-02-12T01:49:00.000+00:002008-02-12T01:49:00.000+00:00गजबै पेल के दिया है भइया अनामदास। आपके ब्लॉग का लि...गजबै पेल के दिया है भइया अनामदास। आपके ब्लॉग का लिंक बतंगड़ पर दे दिया है। <BR/>http://www.batangad.blogspot.com/Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-2388948844742544272008-02-08T04:30:00.000+00:002008-02-08T04:30:00.000+00:00बेहतरीन, सटीक और बेहद मारक :) एक साँस में पढ़ गया। ...बेहतरीन, सटीक और बेहद मारक :) एक साँस में पढ़ गया। <BR/><BR/>ठाकरे उवाच से ज्यादा मुझे इस बात पर शर्म आती है कि किस तरह सरकार और कानून ऐसे गुंडो के सामने घुटने टेक देता है। इनको रोकने से, चेतावनी देने से और तो और नुकसान हो जाने पर गिरफ्तारी तक करने से डरते हैं। इन सरकारों का पुरुष दुम दबाये कुत्ते की पूँछ की तरह कहीं अंदर सिकुड़ चुका है, आम आदमी का भला अब कौन तारणहार शेष है। इसी के बल पर ये इस्टैब्लिश्मेंट को ठेंगा दिखाये जो मन आये बोलते हैं, इनके मंदबुद्धि गुर्गे अब तो तालीबानियों की तरह कैमरे का महत्व भी समझ गये हैं, ताल ठोंककर ये आपकी माँ-भैन करेंगे, आप कुछ नहीं कर सकते। पुलिस भी ये हैं, गुंडे भी ये और नेता और सरकार भी ये। और हम...सिर्फ कठपुतलियाँ।debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-40460936489380200542008-02-06T21:14:00.000+00:002008-02-06T21:14:00.000+00:00जबरदस्त मारा है , ठोक कर मा है रे....पढ़े लिखे को...जबरदस्त मारा है , ठोक कर मा है रे....पढ़े लिखे को भी समझ में आए और बेपढ़े को भी। <BR/><BR/>यह कह कर शव में छिपा बेताल फिर पेड़ पर जा लटका।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-80112668896128090502008-02-06T16:18:00.000+00:002008-02-06T16:18:00.000+00:00कमाल किया है सर. बोले तो, मस्त तीर मारा, एकदम नि...कमाल किया है सर. बोले तो, मस्त तीर मारा, एकदम निशाने पर.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-56412496076881696552008-02-06T15:22:00.000+00:002008-02-06T15:22:00.000+00:00बहुत साल पहले मुम्बई में जब रहता था तब एक बार मिड-...बहुत साल पहले मुम्बई में जब रहता था तब एक बार मिड-डे में फोटो देखा. कुछ शिवसैनिक एक ऐसे व्यापारी से कान पकड़वा कर उठक-बैठक लगवा रहे थे जिसने विज्ञापन में लिखा था, 'North Indian preferred'.<BR/><BR/>चाहे उसका काम ऐसा था जिसमें उसे हिंदी भाषी की खास ज़रुरत थी.<BR/><BR/>तब पहली बार मुंबई में जाती की स्थिती समझी. फिर वहां गाहे-बगाहे लोगों से गुजराती व्यापारियों की बुराई सुनी, जिन्होंने 'सारी मुंबई पर गुटबाजी करके कब्जा जमा रखा है'<BR/><BR/>फिर ऐसे लोगों से मिलने का मौका भी मिला जो व्यापार तो करना चाहते थे, लेकिन उत्तर भारतियों से करने से बचते थे.<BR/><BR/>हमारी इमेज ही ये है. <BR/><BR/>वहां बदलाव लाने के लिये शायद यहां भी कुछ बदलना होगा.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-38626765531610096382008-02-06T13:22:00.000+00:002008-02-06T13:22:00.000+00:00बहुत सधा हुआ और असरकारक व्यंग्य .बहुत सधा हुआ और असरकारक व्यंग्य .Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-7348106636003544722008-02-06T12:10:00.000+00:002008-02-06T12:10:00.000+00:00"आप जहाँ हैं वहाँ राज ठाकरे टाइप लोगों को टाइट रखे..."आप जहाँ हैं वहाँ राज ठाकरे टाइप लोगों को टाइट रखें वर्ना आप भी पाप के भागी होंगे"<BR/><BR/>यहाँ तो पाप का घड़ा न न पाप का कूँआ दिख रहा है मुझे .. चलती हूँ कुछ और मंदबुद्धि टाईप खोजनेPratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-14044560313751034832008-02-06T10:19:00.000+00:002008-02-06T10:19:00.000+00:00anaam bhai,yugon yugon tak aapka naam rahe.bahut j...anaam bhai,yugon yugon tak aapka naam rahe.bahut jhakkasss likha bhai,apna to vash chahe to saare prantvadiyon jis kisi bhi prant ke hon unhe ek jagah jama kar ek taapoo par bhej diya jaye aur wahan ek prant bana lene kaha jaye.ham sukhi ho jayenge aur sare prantwaadi bhidgar saaf.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-78200388353572486672008-02-06T09:32:00.000+00:002008-02-06T09:32:00.000+00:00मी ज़हरऊगलकर बोलते.....गज़ब लिखा है बोले तो रापचिक,ठ...मी ज़हरऊगलकर बोलते.....गज़ब लिखा है बोले तो रापचिक,ठोकरे पर ठीकरा अच्छा फोड़ा है ,मेरे यहां के मराठी मानुष भाई लोगों ने पढ़ा और हँसते हँसते लोट पोट हो गये, बोले तो बिन्दास लिखा है आपने,मीडिया की भी भूमिका कुछ संदेहास्पद ही है मानो इस फ़िराक में लगा है कि कुछ करा के ही मानेंगे भाई लोग।VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-76985450115844255582008-02-06T09:03:00.000+00:002008-02-06T09:03:00.000+00:00वाह। सही मस्ती ली है।वाह। सही <A HREF="http://masti.chitthajagat.in" REL="nofollow">मस्ती</A> ली है।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-81912317005806876132008-02-06T08:50:00.000+00:002008-02-06T08:50:00.000+00:00@ अभय भाई,हमने हाथ के हाथ माफ़ी मांग ली,राज ठाकरे ...@ अभय भाई,हमने हाथ के हाथ माफ़ी मांग ली,राज ठाकरे ने देर से माँगी, हमने सच्चे मन से मांगी,राज ठाकरे के मन में मैल है. इस पोस्ट का मक़सद क्षेत्रीय दुर्भावना से प्रेरित बंगाली, गुजराती,पंजाबी, बिहारी मराठी...सभी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना है. मराठी अख़बार समझदार हैं, मैं तो मंदबुद्धि मुंबईकर की बात कर रहा था, लिखा तो है कि मंदबुद्धि मुंबईकर कम ही मिलते हैं, अब ऐसा कैसे लिख दूं कि नहीं मिलते हैं.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-8631587567425697582008-02-06T05:43:00.000+00:002008-02-06T05:43:00.000+00:00गजब लिखा है भाई..गजब लिखा है भाई..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-86003555042852794382008-02-06T05:38:00.000+00:002008-02-06T05:38:00.000+00:00भाई अनामदास आप की ये आखिर में लिखी क्षमायाचना वैसे...भाई अनामदास आप की ये आखिर में लिखी क्षमायाचना वैसे ही है जैसे राज ठाकरे ने तीन-चार दिन के हंगामे के बाद सॉरी बोल दिया है.. आप से ऐसी उम्मीद नहीं थी.. <BR/>आज के डी एन ए में एक समाचार के अनुसार पिछले दिनों की घटनाओं की सभी मराठी पत्रों ने एक स्वर से निन्दा की है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-64601992244102033072008-02-06T05:27:00.000+00:002008-02-06T05:27:00.000+00:00बहुत विनम्र कटाक्ष....सीधे निशाने पर।बोले तो छकास ...बहुत विनम्र कटाक्ष....सीधे निशाने पर।<BR/><BR/>बोले तो छकास !!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-63625699795572946162008-02-06T05:08:00.000+00:002008-02-06T05:08:00.000+00:00मी मंदबुद्धि गुंडा सुनतो आहे!मी मंदबुद्धि गुंडा सुनतो आहे!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-51565186405479957312008-02-06T05:07:00.000+00:002008-02-06T05:07:00.000+00:00बेहद बेहद सशक्तबेहद बेहद सशक्तगुस्ताखी माफhttps://www.blogger.com/profile/15385098727493867212noreply@blogger.com