tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post4398918431726071828..comments2023-10-08T11:11:00.920+01:00Comments on अनामदास का चिट्ठा: जात-पात ख़त्म,सांप्रदायिकता ख़त्म होने को हैअनामदासhttp://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-25079969526829207552007-04-16T07:54:00.000+01:002007-04-16T07:54:00.000+01:00लेओ, हम समझत रहे कि मायावतियै चंट हैं. पर इहां भी ...लेओ, हम समझत रहे कि मायावतियै चंट हैं. पर इहां भी मामिला सरजुब्ज (सरजूपारी+कान्यकुब्ज) क हि निकिला.<BR/>खैर, अब्ब त ट्रेलर बा. आगे देख्य का निकरे चुनावी बक्सा में से. बाद में चार जूता मराये कि नाहीं. ठकुरवन क तरवार मक्खन क होइ जाये? अउर 51 करोड़ क अउर केतना फतवा जारी होइहीं?<BR/>आपके ऐसन बढ़िया बलाग लिखै क मौका देत रहिहीं ए सियासी लोग!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-78509266908878485942007-04-16T04:29:00.000+01:002007-04-16T04:29:00.000+01:00आपके मुँह में घी शक्कर ! यह जातिवाद खत्म हो तो फिर...आपके मुँह में घी शक्कर ! यह जातिवाद खत्म हो तो फिर विकास के बारे में सोचा जा सकेगा । <BR/>घुघूती बासूतीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-49264064141071217542007-04-16T04:28:00.000+01:002007-04-16T04:28:00.000+01:00मंद मंद मुस्कान के साथ पढ़ा गया.. शायद ऐसे ही लिखा ...मंद मंद मुस्कान के साथ पढ़ा गया.. शायद ऐसे ही लिखा भी गया होगा..आनन्द है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.com