tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post7251139437684952462..comments2023-10-08T11:11:00.920+01:00Comments on अनामदास का चिट्ठा: पहला नशा, उम्र भर का ख़ुमारअनामदासhttp://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-83818985578786969912007-12-19T16:34:00.000+00:002007-12-19T16:34:00.000+00:00नहीं ये नहीं हो सकता.....ये मेरी कहानी कहॉ से लिख ...नहीं ये नहीं हो सकता.....ये मेरी कहानी कहॉ से लिख दी आपने...पर लिखा बिल्कुल सही है "एक लड़की, जो मेरी ज़िंदगी में न आई थी, न कभी मेरी ज़िंदगी से गई". ये तो बस दिल समझता है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-17990001035870417272007-12-15T02:34:00.000+00:002007-12-15T02:34:00.000+00:00हमने तो अपनी कहानी कभी आपको नहीं बतायी, फ़िर आपको क...हमने तो अपनी कहानी कभी आपको नहीं बतायी, फ़िर आपको कैसे पता पडा? भई मान गये!Vineet Guptahttps://www.blogger.com/profile/13112734280420308696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-18149175079881857072007-11-09T19:05:00.000+00:002007-11-09T19:05:00.000+00:00सृजनजी बहुत सही कह रहे है। कायल हुए जा रहे हैं सब ...सृजनजी बहुत सही कह रहे है। कायल हुए जा रहे हैं सब और आप बहाए लिए जा रहे हैं उन्हें रूमानी कुंज गलिन में । वाह वाह, बहुत खूब। <BR/>ये वही पोस्ट है न जिसके बारे में हमारी करीब तीन-चार महिने पहले बात हुई थी ...अभी तो पड़ोस के कुछ और किस्से भी सामने आएंगे। उम्मीद से हैं :)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-83758168324034035712007-11-02T11:30:00.000+00:002007-11-02T11:30:00.000+00:00पुरानी यादों को फिर से जीने, बुनने और दिलकश भावनाओ...पुरानी यादों को फिर से जीने, बुनने और दिलकश भावनाओं की रौ में सबको बहा ले जाने की आपकी इस कला के कद्रदान बढ़ते ही जा रहे हैं।<BR/><BR/>आप उन भावों को शब्दों में ढाल कर साकार कर देते हैं जो सबके भीतर बसे हैं लेकिन अंदर ही अंदर मचलते रहते हैं, छटपटाते रहते हैं, कभी शब्दों की धूप में निखर नहीं पाते। <BR/><BR/>आपको पढ़ते हुए हम हर बार समृद्ध होते हैं।Srijan Shilpihttps://www.blogger.com/profile/09572653139404767167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-66135404875403402902007-11-01T14:55:00.000+00:002007-11-01T14:55:00.000+00:00आख़िरी टिप्पणी मेरी... लेकिन भई...(उच्छवास) क्या ट...आख़िरी टिप्पणी मेरी... लेकिन भई...(उच्छवास) क्या टिप्पणी करूँ.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-78923143312927655242007-10-31T20:22:00.000+00:002007-10-31T20:22:00.000+00:00बहुत बढ़िया तरीके से बताई कहानी । शायद ही कोई किशोर...बहुत बढ़िया तरीके से बताई कहानी । शायद ही कोई किशोर मन ऐसा होगा जिसने इस नई अनुभूति को अपने मन में उमड़ते ना अनुभव किया हो । <BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-20714694738594763472007-10-31T15:27:00.000+00:002007-10-31T15:27:00.000+00:00वो तेरा कोठे पे नंगे पांव आना याद है...हर किसी किश...वो तेरा कोठे पे नंगे पांव आना याद है...<BR/>हर किसी किशोर की कथा आपने बयान कर दी। शायद ही कोई होगा जो इस क्रश से न गुजरा हो।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-66576989334169622312007-10-31T15:09:00.000+00:002007-10-31T15:09:00.000+00:00अब बताइए साहब आप के अफ़साने ब्यां पर सब को अपने अपन...अब बताइए साहब आप के अफ़साने ब्यां पर सब को अपने अपने दिन याद आ रहे हैं , हम सोच रहे है कि काश वो लड़की भी आप का ये पोस्ट पढ़ ले तो कैसा रहे, और फ़िर जवाब भी लिख दे तो हमारे लिए फ़िल्म पूरी हो न…ढ़ूढ़िए कहीं यहीं कहीं तो नही…सौ दो सौ गज की दूरी पर्…तेरे ब्लोग के सामने…।:)Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-40402615545554580672007-10-31T14:07:00.000+00:002007-10-31T14:07:00.000+00:00Mere saath toh saal mein ye 2-3 baar hota tha!Mere saath toh saal mein ye 2-3 baar hota tha!sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-81521721404349389902007-10-31T08:56:00.000+00:002007-10-31T08:56:00.000+00:00बहुत सही भाई साहब!!आपकी इस एक पोस्ट पे ही जमाना लु...बहुत सही भाई साहब!!<BR/><BR/>आपकी इस एक पोस्ट पे ही जमाना लुटा देने का मन हो रहा है!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-58749833408992883422007-10-31T07:26:00.000+00:002007-10-31T07:26:00.000+00:00आप अगर उसका नाम-पता-शक्ल वगैरह नहीं बताना चाहते टू...आप अगर उसका नाम-पता-शक्ल वगैरह नहीं बताना चाहते टू कोई बात नहीं. लेकिन यह झूठ बोलने की क्या जरूरत है की अब आप भूल गए. कोई आपसे कुछ कहेगा थोडे ही.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-48392314424824180512007-10-31T05:30:00.000+00:002007-10-31T05:30:00.000+00:00क्या बात है भाई ऐसा लग रहा है कि आपने मेरे बातें ब...क्या बात है भाई ऐसा लग रहा है कि आपने मेरे बातें बयान कर दीं एक दम दिल को छू गया यह फसाना....<BR/>ओ मेरे होके भी मेरे न हुए<BR/>उनको अपना बना के देख लिया।बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-14090749659447380982007-10-31T05:26:00.000+00:002007-10-31T05:26:00.000+00:00क्या बदलते मौसम का भी असर होता है? अक्सर पुरानी बा...क्या बदलते मौसम का भी असर होता है? अक्सर पुरानी बातें मार्च-अप्रेल के दिनों में याद आती हैं या फिर हल्की सर्दी की कुनकुनी धूप में कभी फुरसत में बैठकर सोचते हैं तो एक फिल्म की तरह सब कुछ आँखों के आगे उमड़ने लगता है. कभी-कभी तो पत्तों की सरसराहट, हवा की आवाज़, शाम का कोई खास पल या फिर हलके अँधेरे में बनती-बिगड़ती आकृतियाँ तक किसी याद में खो जाने देने के लिए काफी होतीं हैं. हम औरतों को तो इतनी पाकीज़गी ओढ़नी पड़ती है कि पहला नशा जैसा हो भी तो उसे मानने से इनकार ही करना पड़ता है, उम्र के कई मुकाम पार करने के बाद भी . याद तो बहुत कुछ रहता है, लेकिन बस स्मृतियों तक ही उन्हें सीमित कर देना पड़ता है . आपकी २० दिनों की प्रेम कहानी पढकर कितना-कुछ तो याद आने लगा है ....इन्दुhttps://www.blogger.com/profile/15370498837448588351noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-41347986288728571382007-10-31T05:04:00.000+00:002007-10-31T05:04:00.000+00:00wah kya khoob crush tha. sweekar karne ke liye bdh...wah kya khoob crush tha. sweekar karne ke liye bdhai. sahi mayne me crush wahi hota hai jise samay ki parten bhi dhoomil na kar payen. maloom nahin woh khan hogi lekin yadi apka post pathegi to use bhi bhooli bisri yaden yaad aa jayengi<BR/>preetipreetihttps://www.blogger.com/profile/00308704597207988554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-32342481471379014002007-10-31T04:36:00.000+00:002007-10-31T04:36:00.000+00:00जिन्दगी भर का खुमार काफ़ी व्यापक हो रहा है ।अविनाश ...जिन्दगी भर का खुमार काफ़ी व्यापक हो रहा है ।अविनाश और अनामदास ने शुरुआत की है। एक सुन्दर संग्रह ( पुस्तक चिट्ठा ) का इन्तेज़ार रहेगा ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-58684880934518617122007-10-31T01:44:00.000+00:002007-10-31T01:44:00.000+00:00भूली हुई यादों इतना न सताओ मेरे अनाम मित्र को..भूली हुई यादों इतना न सताओ मेरे अनाम मित्र को..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-7064726726408865792007-10-31T01:25:00.000+00:002007-10-31T01:25:00.000+00:00बहुत तो नहीं, कुछ यादें हरी कर दीं मित्र, आपकी इस ...बहुत तो नहीं, कुछ यादें हरी कर दीं मित्र, आपकी इस पोस्ट ने। <BR/>आज "प्रत्यक्षा" ब्लॉग पढ़ने पर भी एक ऐसी याद हरी हुई। कोई खास दिन है क्या?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-10830162466710017852007-10-31T01:00:00.000+00:002007-10-31T01:00:00.000+00:00a romantic writeup !man ko chhoo gaya yah lalit le...a romantic writeup !man ko chhoo gaya yah lalit lekh/chitthaaArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-12585780094346952212007-10-31T00:46:00.000+00:002007-10-31T00:46:00.000+00:00ऎसा उस उम्र में लगभग सभी के साथ ही होता है.ऎसा उस उम्र में लगभग सभी के साथ ही होता है.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-23221844331290630782007-10-30T23:39:00.000+00:002007-10-30T23:39:00.000+00:00बड़ी दर्द भरी दास्तां है भाई.बड़ी दर्द भरी दास्तां है भाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com