tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post776350058006385292..comments2023-10-08T11:11:00.920+01:00Comments on अनामदास का चिट्ठा: मायावती का हाथी और डोमटोली के सूअरअनामदासhttp://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-34218025251496552322007-05-29T21:12:00.000+01:002007-05-29T21:12:00.000+01:00तारीफ करने के मामले में गालिब हूँ ( प्रतिभा में नह...तारीफ करने के मामले में गालिब हूँ ( प्रतिभा में नही )और प्रतिक्रिया लिखने के मामले में रैक्व मगर आपके लिखे ने बेबस कर दिया ।आपके लिखे को देखकर अपनी भाषा पर फिर फिर प्यार उमड़ आता है जैसे कोई माँ जवान बेटे को बचपन वाले वात्सल्य और जवानी वाले गौरव की आभा में एक साथ देखती है ।<BR/>वैसे एक बात याद आई उन भंगनों में हर छठवीं आठवीं गज़ब की खूबसूरत हुआ करती थीं अभंगियों के भंगी प्रेम की अभंग गाथा ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-48193626805138433912007-05-29T09:53:00.000+01:002007-05-29T09:53:00.000+01:00कम शब्द वह भी एसे कि नगाडे बज उठेँ..यथार्थवादी चित...कम शब्द वह भी एसे कि नगाडे बज उठेँ..यथार्थवादी चित्रण...<BR/>धन्यवाद.विजेंद्र एस विजhttps://www.blogger.com/profile/06872410000507685320noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-81658754519240964202007-05-28T17:45:00.000+01:002007-05-28T17:45:00.000+01:00काकेश की बात के समर्थन में हम फिर से 'सही' का साईन...काकेश की बात के समर्थन में हम फिर से 'सही' का साईन लगाने आ गए.. बार-बार आना मना तो नहीं है न?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-75036170695992306192007-05-28T17:42:00.000+01:002007-05-28T17:42:00.000+01:00ये और बिगड़े, खूब बिगड़ें, इतना बिगड़े कि सारी दुन...ये और बिगड़े, खूब बिगड़ें, इतना बिगड़े कि सारी दुनियां संभल जायAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-57572419841570174802007-05-28T09:33:00.000+01:002007-05-28T09:33:00.000+01:00सच बहुत पास से देखा है आपने और शायद अब थॊडा बहुत ब...सच बहुत पास से देखा है आपने और शायद अब थॊडा बहुत बदल चुका हो,कोई क्यो बदलना चाहेगा,जब तक ये खुद नही उठ खडे होगे,मेरे साथ पाचंवी मे एक लडका पढता था वो मेरे घर मे आने वाली भंगन( यही कहते थे ना उसे अनाम जी)का बेटा था वोह ,मुझे तब पता चल जब वह मेरे उस कोट को पहन कर आया जो मेरी मा ने उस की मा को दिया था, जब घर पर पता चल तो बैन लग गया मेरे उपर,जब की उससे पहले वो मेरे घर भी आ चुका था और हम साथ खेलेते थे,कुछ दिन बाद हम फ़िर साथ हो गये उम्मीद करता हू कम से कम वह और उसका परिवार तो टोले से बाहर होगाArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-55784487410590134272007-05-28T07:10:00.000+01:002007-05-28T07:10:00.000+01:00क्या खुब कही।क्या खुब कही।SHASHI SINGHhttps://www.blogger.com/profile/15088598374110077013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-91185878157190446292007-05-28T05:40:00.000+01:002007-05-28T05:40:00.000+01:00दो टूक बात दो टूक शब्दों में....आपको जितना पढ़ता हू...दो टूक बात दो टूक शब्दों में....आपको जितना पढ़ता हूं उतना ही प्रभावित होता हूं..काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6853758773001535028.post-868801467911252752007-05-28T04:53:00.000+01:002007-05-28T04:53:00.000+01:00लगता है टंच ठर्रा और भुने सूअर की तश्तरी सामने सज...लगता है टंच ठर्रा और भुने सूअर की तश्तरी सामने सजाकर बैठे हैं!.. बड़ा झमेला है इस देश में.. वाल्मिकी नगर ढेरों बने होंगे मगर डोमटोली है कि गायब नहीं होती!.. महक ताज़ा कर दी आपने.. हद है!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.com