12 मार्च, 2007

धन्यवाद भाइयों

प्यारे ब्लॉगर भाइयों
जिस खुले और खिले दिल से आपने स्वागत किया है उसके लिए मैं आपका आभारी हूँ.
सृजनशिल्पी जी ने जिस तपाक से स्वागत किया वह ज़रा भावुक करने वाला है.
शशि जी को बरकाकाना और झुमरी तिलैया के नामों का इस्तेमाल अच्छा लगा, शिकारपुर और रामगढ़ कैंट वालों का नाम तो रह ही गया...धन्यवाद.
अभिषेक जी, बहुत आभारी हूँ, आपकी टिप्पणी के लिए. झुमरी तिलैया और बरकाकाना दो क़स्बे हैं जो पहले बिहार में थे, अब झारखंड में हैं, दोनों ही हज़ारीबाग़ ज़िले का हिस्सा हैं और उनके रेडियो श्रोताओं के बीच अपने क़स्बे का नाम अधिक बार प्रसारित कराने की होड़ लगी रहती थी. बरकाकाना रेलवे स्टेशन भी है और वहाँ कोयले की बड़ी खदान है जबकि झुमरी तिलैया में एक मशहूर सैनिक स्कूल है.
यह तो धन्यवाद है, अगला ब्लॉग जल्द ही....

5 टिप्‍पणियां:

  1. चलिये, आपकी ज़बान से तो अंदाज़ होता है कुछ रसीली तरकारी सजेगी, थोडा मीठा मुंह तक आएगा. इधर के ताज़ा ब्‍लॉगरस के लिए आप रवीश कुमार के कस्‍बे पर मुंह मारें. पछताइयेगा नहीं. अड्रेस है:
    http://naisadak.blogspot.com
    पेशे से वह भी पत्रकार हैं और बहुते करारा, मीठा और जाने क्‍या-क्‍या लिखते हैं. नज़र मार लीजिये.

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  2. हिन्दी चिट्ठे जगत में स्वागत है।

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  3. झुमरी तिलैया और बरकाकाना दो क़स्बे हैं जो पहले बिहार में थे, अब झारखंड में हैं, दोनों ही हज़ारीबाग़ ज़िले का हिस्सा हैं और उनके रेडियो श्रोताओं के बीच अपने क़स्बे का नाम अधिक बार प्रसारित कराने की होड़ लगी रहती थी. बरकाकाना रेलवे स्टेशन भी है और वहाँ कोयले की बड़ी खदान है जबकि झुमरी तिलैया में एक मशहूर सैनिक स्कूल है.

    सामाजिक भूगोल की ये पंक्तियां किसी किताब का पढा नहीं बल्कि आपके खुद का जिया हुआ मालूम पड़ता है।
    ...लेकिन जिस यूज़र ने जेनरेट किया है उसके अलावा उसमें किसी और की भी रुचि होगी या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है. आपके इस सवाल का जवाब ऊपर की पंक्तियों में छिपा है। आपने अपने ब्लॉग में इस कंटेंट को जनरेट किया... आपके अनाम होने की वजह से मैं आपको जानता नहीं लेकिन फिर भी आपके इस कंटेंट में जिस भूगोल की बात की गई वह मेरा भूगोल है लिहाजा मैंने खुद को उससे रिलेट किया और अब आपका पाठक हूं।
    दूसरे सवाल का जवाब अगली बार...
    लिखते रहिये... हमें और आप, दोनों को अच्छा लगेगा।
    - शशि सिंह

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  4. अनामदासजी, स्वागत है। अब आ ही गये हैं तो लिखते रहिये अनाम ही सही कुछ नाम तो होगा ;)

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